Friday, September 4, 2020

How to keep yourself fit and healthy



                 
How to keep yourself fit and healthy 

Written By -

                                                  Rajneesh Mohan Verma

                                                     Judge/Dy. Director

                                                     JTRI,UP, Lucknow

प्रस्तावना -

             आज के इस आधुनिक ज्ञान व अर्थ पर आधारित युग में चारो तरफ दौड़ और प्रतिस्प्रधा है। भारत जैसे विकासशील देश में जनसँख्या के सापेक्ष संसाधनों का टोटा है अर्थात तुलनात्मक रूप में संसाधनों का आभाव है।  सरकार का कोई भी विभाग व कार्यक्षेत्र इस समस्या से अछूता नहीं है , हमारे न्यायालय भी इसी कोटि में आते है , जहाँ मुकदमों का अम्बार है तुलनात्मक रूप से जजों की संख्या कम है। कार्य की अधिकता हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप के प्रभावित करती है। लेखक का यह भी मानना है की निजी क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। इस समस्या से हम कैसे निजात पाए इसी विषयवस्तु पर यह लेख आधारित है , यद्यपि कि यह मंच विधि की संकल्पनाओं के गंभीर विश्लेषण हेतु समर्पित है , किन्तु यह आलेख इस मंच पर भी सार्थक व सुसंगत प्रतीत होता है। इस लेख की विशेष ख़ासियत यह है कि यह लेख, लेखक के व्यक्तिगत प्रयोग पर आधारित है , जिसके कारण इस आलेख के महत्ता और बढ़ जाती है। 

 चयापचय (Metabolism) क्या है और कैसे काम करता है -

शरीर को स्वस्थ्य रखने मे सबसे बड़ा योगदान  Metabolism  का है। Metabolism  या चयापचय शरीर के कोशिकाओं में रसायनिक प्रतिक्रियाओं का संग्रह होता है। अपनी शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने, जैविक पदार्थों के संश्लेषण (synthesis) के लिए हम जो कुछ भी खाते है, वह सब चयापचय महत्वपूर्ण रासयनिक प्रतिक्रिया द्वारा ऊर्जा और कोशिका के निर्माण कार्य में सहायता करता है। शरीर में पोषक तत्वों, विकास और सुचारू रूप से संचालित करने वाले आवश्यक अणुओं को आसानी से उपलब्ध कराने का कार्य चयापचय अर्थात Metabolism का है. ऊर्जा का निर्माण चयापचय के मुख्य घटकों में से एक है।

             सामान्य शब्दों में हम Metabolism को इस प्रकार से परिभाषित कर सकते है कि Metabolism एक ऐसी रसायनिक और शारीरिक प्रतिक्रिया है जो किसी भी जीव या प्राणी को अपने जीवन को स्वस्थ बनाये रखने में सहायता करती है। यह बुनियादी शारीरिक कार्य जैसे स्वास, पाचन, रक्त परिसंचरण, सेल की वृद्धि और शारीरिक मरम्मत के लिए ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति कराते है।

           चयापचय एक ऐसा शब्द है जो कोशिकाओं और जीव को जीवित अवस्था में बनाये रखने में शामिल सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं का वर्णन करने के लिए किया जाता है, चयापचय को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

          अपचय: ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अणुओं का टूटना अपचय कहलाता है इससे बड़ी मात्रा में ऊर्जा जारी होती है, इसी कारण से अपचयता को विनाशकारी मेटाबोलिज्म के रूप में जाना जाता है। यह शरीर से कार्बनिक पदार्थो को निकालता है।

        एनाबोलिज्म या उपचय : कोशिका के माध्यम से सभी आवश्यक यौगिकों का संश्लेषण उपचय क्रिया के द्वारा होता है। उपचय शरीर में मौजूद ऊर्जा का इस्तेमाल करके कोशिका निर्माण कार्य में सहायता करता है, इसलिए उपचय को रचनात्मक मेटाबोलिज्म के रूप में जाना जाता है।

शरीर का वजन  बढ़ना- 

वजन का बढ़ना एक जटिल प्रक्रिया है। नींद, शारीरिक गतिविधियों, तनाव, आहार, पर्यावरण का प्रभाव, हार्मोन में बदलाव और आनुवंशिक गुण वजन बढ़ने के मुख्य कारण हो सकते है। मेटाबोलिज्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो इस तरह की समस्याओं को धीमा कर देती है। "चयापचय वह दर है जिस पर हमारा शरीर पोषण का उपयोग करता है। कई कारक चयापचय (हार्मोन का स्तर, एंजाइम स्राव, पुरानी बीमारी की स्थिति, दवाएं, तनाव, गतिविधि के स्तर और नींद के पैटर्न) को प्रभावित करते हैं. चयापचय की दर सीधे कैलोरी की जरूरतों को प्रभावित करती है और वजन घटाने या वजन बढ़ने को प्रभावित करती है. उम्र बढ़ने के साथ, हर दशक में चयापचय 5 प्रतिशत धीमा हो जाता है." हमारे शरीर का वजन बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि हम शारीरिक गतिविधियों के लिए अधिक कैलोरी का उपभोग करते है, यही अतिरिक्त कैलोरी बाद में वसा में बदल जाती है, और शरीर में जमा होते जाती है जिस वजह से मोटापा बढ़ जाता है। हमारे शरीर का वजन स्थिर रहेगा यदि हम जितनी अधिक कैलोरी का सेवन कर रहे है उसे बर्न कर दें या जला दें। कैलोरी को जलाने के लिए हमें अपने भोजन को एक नियमित अन्तराल पर लेना चाहिए साथ ही कम मात्रा में लेना चाहिए। आप कसरत करने की आदत डालकर  अपने शरीर की अधिक कैलोरी को जला सकते है। प्रतिदिन कम से काम आधा घन्टा तेजी से टहलना एक अच्छा व्यायाम है।

Metabolism का शरीर में ठीक रखना-

           सबसे पहले यह जानकारी आवश्यक है कि मेटाबोलिज्म को मांसाहार और शाकाहार दोनों ही तरह के भोजन को ग्रहण करके ठीक रखा जा सकता है। पेड़ पौधे, सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेते है जिससे वे क्लोरोफिल, कार्बनिक डाईऑक्साइड और पानी के साथ प्रतिक्रिया करके शर्करा बनाते है और इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है। अतः जो लोग पौधों को खाते है उन्हें शर्करा की प्राप्ति होती है। शरीर मेटाबोलिज्म के माध्यम से शर्करा को तोड़ता है जिससे ऊर्जा प्राप्त होती है और इस ऊर्जा को शरीर की कोशिका के द्वारा इंधन के रूप में वितरित किया जाता है. मेटाबोलिज्म, शर्करा को तोड़कर शरीर के उतकों (tissues) में संगृहीत करता है और जब जरुरत होती है तो संगृहित ऊर्जा का उपयोग करने का काम करता है। कई हार्मोन ऐसे है जो मेटाबोलिज्म की दशा और दिशा को नियंत्रित करते है। थायरॉयड इस ग्रंथि के द्वारा जारी हार्मोन यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में मेटाबोलिज्म के रसायनिक प्रतिक्रिया को कितना तेजी से और कितना धीमा करना है। मेटाबोलिज्म एक बहुत ही जटिल रासायनिक प्रक्रिया है जिससे आपको यह पता चलता है कि आपके शरीर में कितनी ऊर्जा प्राप्त होती है।

आवश्यक पोषक तत्वों में मेटाबोलिज्म का कार्य-

खाद्य विभन्न प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करते है, जो शरीर की ऊतकों के रखरखाव और मरम्मत के लिए आवश्यक होता है। आहार से ही पानी, खनिज, विटामिन, प्रोटीन, ऑक्सीजन, नाईट्रोजन, फ़ोस्फोरस और लगभग 20 आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है-
    •  कार्बोहाइड्रेट : खाद्य पदार्थ तीन प्रकार में कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है, स्टार्च, सुगर और फाईबर। जिसमे स्टार्च और फाईबर ऊर्जा के मुख्य स्त्रोत है। शरीर के ऊतक सभी गतिविधियों के लिए ग्लूकोज पर निर्भर करते है। कार्बोहाइड्रेट और शर्करा मेटाबोलिज्म के द्वारा ग्लूकोज का उत्पादन करते है। ज्यादातर लोग कार्बोहाइड्रेट के रूप में अपने आहार के लगभग आधे से अधिक हिस्से का उपभोग करते हैं। यह चावल, रोटी, गेंहू, आलू, पास्ता, मैकरोनी आदि से आता है।
    • प्रोटीन : प्रोटीन हमारे शरीर में मुख्य ऊतक निर्माण करता है। प्रोटीन कोशिका संरचना, हीमोग्लोबिन गठन और शरीर के अन्य कार्यों के लिए सहायक होता है। इस कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने में मेटाबोलिज्म सहायता करता है। डीएनए और आरएनए आनुवंशिक सामग्री और ऊर्जा उत्पादन के लिए नाईट्रोजन की आपूर्ति में प्रोटीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोटीन पोषण के लिए आवश्यक है, प्रोटीन से आवश्यक अमीनो एसिड पाया जाता है। आवश्यक एमिनो एसिड में शमिल है- लाइसिन, ट्रीपटोफान, मेथिओनिन, ल्यूसिन, इसोल्यूसिन, फिनाइलालानिन, वलिन, थ्रेओनिन। सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन अंडे, दूध, सोयाबीन, मांस, सब्जियां और अनाज से प्राप्त होता है।
    • फैट : वसा ऊर्जा के मुख्य स्त्रोत है, यह कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से दुगुना ऊर्जा उत्पन्न करते है। वसा शरीर में सेलुलर संरचना बनाने में मदद करते है, और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के आस पास एक सुरक्षात्मक घेरा बनाते है. वसा ऊर्जा के लिए एक आरक्षित भंडारण प्रदान करते है। आवश्यक फैटी एसिड है- लिनोलीनिक और अरचिडोनिक।
    • खनिज: खाद्य पदार्थों में खनिज सीधे ऊर्जा की आपूर्ति में काम नहीं करते है, लेकिन शरीर के लिए यह महत्वपूर्ण है. यह शरीर के मेटाबोलिज्म मार्ग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. मानव शरीर में 50 से अधिक तत्व पाए जाते है, जिनमे से 25 तत्वों को आवश्यक पाया गया है। महत्वपूर्ण खनिजों में शामिल है- कैल्शियम, फोस्फोरस, सोडियम, पोटैशियम, आयरन, क्लोराइड इओंस, कॉपर, कोबाल्ट, मैंगनीज, जिंक, मैग्नीशियम, जिंक, फ्लौरिन और आयोडीन।
    • विटामिन : विटामिन आवश्यक कार्बनिक यौगिक है, जिसके बिना मानव शरीर स्वयं को संश्लेषित नहीं कर सकता, इसलिए ये सारे विटामिन हमारे आहार में आवश्यक रूप से मौजूद होने चाहिए।
मेटाबोलिज्म के रासायनिक प्रतिक्रियाओं को मेटाबोलिज्म मार्ग में व्यवस्थित किया जाता है ये एंजाइम को उनके क्रम से रासायनिक श्रृंखला के माध्यम से कुशलतापूर्वक कोशिकाओं में आगे बढ़ने देते है। एंजाइम मेटाबोलिज्म के लिए महत्वपूर्ण है। मेटाबोलिज्म पोषण और पोषक तत्वों की उपलब्धता के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। बायोएनेर्गेटिक्स एक ऐसा शब्द है जो जैव रासायनिक या मेटाबोलिज्म मार्गों का वर्णन करता है जिसके द्वारा सेल अंततः ऊर्जा प्राप्त करते हैं. मेटाबोलिज्म की वजह से ऊर्जा विभिन्न भागों में बटकर प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड इत्यादि को शरीर में संश्लेषित करती है।
जब आप युवा होते हैं तो मासंपेशियों में ऊर्जा का संचय हो जाता है जो आपका वजन बढ़ने से रोकता है, लेकिन जैसे ही आप 30 की उम्र पार कर लेते है, मेटाबोलिज्‍म कम होने लगता है और शरीर में वजन बढ़ने लगता है।

स्वस्थ आहार क्या है और कैसे खाएँ?

स्वस्थ आहार लेना सभी चाहते हैं, पर पता नहीं होता कि कौन सी खाने पीने कि चीज़े हमारे लिए जरुरी हैं । हम बस इतना ही जानते हैं कि oil, Ghee, butter, sugar etc. हमारे लिए हानिकारक हैं पर ऐसा नहीं हैं .सभी चीजों की एक सीमित मात्रा हमारे लिए जरुरी हैं ।

Soup (सूप):

पालक, टमाटर,गाजर , लोकी, मिक्स वेजीटेबल यह सभी सूप आपके लिए उपयोगी हैं ।

    • Liquids:(द्रव्य)

छांछ , नारियल पानी , जूस (संतरा,मौसम्बी आदि)

    • vegetables (सब्जियां):

हरी पत्तेदार सब्जियां , पत्तागोभी, कद्दू, लोकी, ककड़ी (cucumber),टमाटर, गाजर ,करेला भिन्डी, फूलगोभी, शिमला मिर्ची, फल्लिया (beans), गिलकी .

    • Grains (अनाज) :

गेहूं , दलिया, रवा, कुरमुरा,जों .

    • दाले (pulses):

खड़ा मूंग ,  सोयाबीन,राजमा , green and yellow मूंग दाल .

    • Milk/Milk Product (दूध के सामान):दही(curd without cream), skimmed milk (दूध को उबालने के बाद उसे फ्रीज़ में रखे दुसरे दिन सुबह उसकी मलाई हटाकर या उसे छान कर उपयोग करे), छाछ.

Sugar (शक्कर): शक्कर की मात्रा कम से कम ही रखे, दिन भर में 1 tsp शक्कर ही की जरूरत हमारे शरीर को होती है, इतनी ही लें। इससे ज्यादा लेने से ये फैट में बदलने लगती है। यदि हम सफेद चीनी के स्थान पर गुड़ का प्रयोग करें तो बेहतर होता है। ग्रीन टी मे चीनी की जगह शहद का प्रयोग अत्यन्त लाभदायी होता है।

Water (पानी):

12 to 15 गिलास पानी ले। बहुत अधिक ठंडा पानी ना लें , और पानी की अधिकतम मात्रा दिन के समय यानि शाम 7 के पहले ही लें। इसके बाद 1-2 गिलास से ज्यादा न पियें।

oil (तेल): एक दिन में 2 से 3 tsp तेल शरीर  के लिए पर्याप्त हैं ।

Fruits(फल):

रोज 2 से 3 फल जरुर ले . यह आपके भोजन के आवश्यक तत्व आपके शरीर तक पहुँचाने में सहायक होते हैं ।सेव, पपिता, संतरा, मौसंबी, तरबूज , आडू, अमरूद, बेर (plum), लीची (lichi) यह सभी फल सेहत के लिए अच्छे हैं । लेकिन आम (mango) , अंगूर, चीकू, एवं केला मे सुगार और कार्ब की मात्रा अत्यधिक होती है इसलिये या तो  ना ले या बहुत कम मात्रा मे ही लें।

उपवास(fast):-

उपवास का हिन्दू रीती रिवाज में एक अहम हिस्सा हैं। वैसे हफ्ते में एक दिन कुछ न खाना फायदेमंद होता हैं, जिसके लिए उपवास एक अच्छा  मार्ग हैं। पर अगर आप इस एक दिन भूखा नहीं रह सकते, तो साबूदाना और आलू जैसी चीजे खाकर अपने स्वास्थ को ना ख़राब करे। उपवास के नाम पर आजकल अधिक घी, तेल, वसायुक्त खाना खाया जाता है, जो कि शरीर के लिए नुकसानदेह है। पूरा दिन भूखा रहकर एक बार में इतना हैवी खाना बहुत सी परेशानियों की वजह बन जाता है। उपवास के दिन आप skimmed milk,दही , लस्सी, एवम छाछ ले और इसके अलावा फल, जूस, नारियल पानी, सूप भी बना के ले सकते है। इसके अलावा आप खाने में राजगीरा, मोरधन, मखाना भी ले सकते हैं। हाँ लेकिन उपवास के दिन भूखे न रहें, कुछ न कुछ खाते रहें।

इस तरह के खाने को बिलकुल न खाएं (Foods to be avoided for healthy diet):

1. डीप फ्राई(deep fried) : पूरी, भजिया, पराठे, आचार, कचोरी, समोसा, पापड़

2. जैम, केक, मिठाइयाँ, पेस्ट्री, पुडिंग, आइसक्रीम, कस्टर्ड, खीर

3. सब्जी (vegetables): आलू, अरबी, सुरन, गराडू

4. बटर, चीज, म्योनीस (mayonnaise)

5. अत्याधिक मात्रा में ड्राई फ्रूट नारियल, नट्स का सेवन न करें. एक सिमित मात्रा में इन्हें खाया जा सकता है.

6. सॉफ्ट ड्रिंक, सोडा, कैन जूस

8. नूडल्स, पिज़्ज़ा, बर्गर, पास्ता, मक्रोनी, साबूदाना, चावल

9. preserved food

10. Full cream Milk

ध्यान रखने योग्य बाते :-

    • सुबह का नाश्ता (Breakfast) जरुरी है, इसे कभी भी मिस ना करे ।

    • ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बीच ज्यादा लम्बा गैप ना दे । अधिक समय भूखा रहने से BMR (body का Metabolism Rate कम होता है जिससे वजन एवम फैट बढ़ता हैं)

    • खाने को एन्जॉय करके खाएं । टीवी देखते हुए, मोबाइल या लैपटॉप चलाते हुए बिलकुल ना खाये ।

    • धीरे धीरे एवम चबा चबा कर ही खाना खाये ।

    • भोजन के बीच में पानी ना ले ।

    •  दो या ती से ज्यादा चाय/काफी ना ले । हो सके तो बलैक टी/ ब्लैक काफी/ ग्रीन टी लें, लेकिन ज्यादा नहीं लें और सबसे जरूरी बात यह है कि इसमे चीनी बिल्कुल भी न लें। गर्म चीनी से मोटापा बहुत तेजी से बढ़ता है और सुगर की बीमारी की सम्भावना बढ़ जाती है। मीठे के लिये शुद्ध शहद का प्रयोग करना अत्यन्त लाभदायी होता है।

Metabolism बढ़ाने और खुद को स्वस्थ रखने के उपाय और आहार -

- वजन घटाने और समग्र फिटनेस के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। यह आपके Metabolism को बढ़ाने और दिनभर  Metabolism rateको ठीक रखने रखने के लिये आवश्यक है। दिन का आरम्भ  व्यायाम व प्राणायाम से करना आपको सदैव के लिये निरोगी रखेगा।
- बहुत लंबे समय तक बैठे रहना कई स्वास्थ्य मुद्दों से भी जुड़ा है। यह आपके द्वारा जलाई जाने वाली कैलोरी की संख्या को भी कम कर सकता है और साथ ही साथ रीढ़ के लिये भी घातक है इस लिये थोड़े देर मे खड़े होकर टहलना या खडे रहकर काम करना लाभदायी होता है। कुर्सी पर बैठने का सबसे अच्छा और लाभकारी तरिका यह है कि आप कुर्सी के tip पर बैठें और रीढ़ को बिल्कुल सीधा रखें इससे आपको कमर दर्द कभी न होगा और साथ ही आपका BMR भी ठीक रहेगा।
- बेहतर स्वास्थ्य के लिए उचित नींद भी जरूरी है। आप कम कैलोरी जलाते हैं, जब आप नींद पूरी नहीं करते. क्योंकि यह शुगर को प्रभावित कर भूख को बढ़ाने का काम कर सकता है।
- आप आहार में अधिक प्रोटीन जोड़ सकते हैं और यह आपको अधिक कैलोरी जलाने में मदद करेगा । यह Metabolism को बढ़ाता है और वजन कम करने मे सबसे बड़ा योगदान प्रोटिन का है। बशर्ते कि आपको किडनी की कोई बीमारी न हो। 
- खूब पानी पिएं। यह आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है और आपको इसे बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। यह आपके Metabolism को बढ़ाता है। भोजन से पहले पानी पीने से भी आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है जिससे आप खाना कम खाते हैं।
- बहुत तेजी से डाइट न करें आप अपने खाने की प्रक्रिया में सुधार करें, लेकिन खाने में कटौती एकदम से न करें, वरना आपको कमजोरी आ सकती है। इसके लिए बेहतर है कि आप सही तरीके से प्‍लान करके खाने में सुधार लाएं।
- सुबह का नाश्‍ता, स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक करें दिन की शुरूआत भूखे रहकर न करें। खाने से ध्‍यान केन्द्रित होता है और आपका मूड भी अच्‍छा बनता है।
- जिंक का सेवन करें जिंक, आपकी भूख को कम करता है और शरीर में लेप्टिन की मात्रा को कम करता है, जो एक प्रकार का हारमोन होता है जो आपको असुरक्षा की भावना देता है। जिंक, फलों, हरी सब्जियों और कद्दू के बीजों में पर्याप्‍त मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए आप  पालक,  मशरूम, अनार, खजूर और वंदगोभी, व ब्रोकली भी खा सकते हैं।
- कैपीसीन एक ऐसा कैमिकल है जो शिमला मिर्च में पाया जाता है, इसकी शरीर में पर्याप्‍तता होने पर खाने के बाद कई घंटों के लिए आपकी ऊर्जा सेव रहती है और आपको वसा को कम करने में मदद मिलती है।
- आप भले ही दिन में कम खाएं, लेकिन जितना भी खाएं, वह अच्‍छा और पोषक तत्‍वों से भरपूर होना चाहिए।

7 दिनों की वेजीटेरियन डाइट स्ट्रेटजी:- 

कभी भोजन करना न छोडें, हर पहर का भोजन करें। हर दो घंटे पर कुछ हल्का सा खाते रहें। फैट, सुगर और कार्ब को लेने की मात्रा कम कर दें। सोडा और रिफाइंड सुगर का सेवन बिलकुल बंद कर दें। पर्याप्त पानी पिएं। वेजीटेरियन के लिए 21 दिनों का डाइट चार्ट- 
1 दिन – प्रातः नीद से उठने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी मे थोडा सा नीबू व शहद मिलाकर पिएं। बेड टी के स्थान पर ब्लैक टी/ब्लैक काफी/ग्रीन टी पी सकते हैं।
- तेजी से कम से कम आधा घन्टा टहलना है। टहलने के समय ध्यान शरीर पर होना चाहिये, किसी से बात न करें और फोन का प्रयोग बात करने के लिये न करें।
सुबह: मिश्रित बीज के 3-4 चम्मच या अपनी पसंद के बीज (तरबूज, फ्लेक्स, तिल, आदि) ब्रेकफास्टन: अलसी और ओट्स के साथ एक केला + अपनी पसंद का जूस 
मिड-मॉर्निंग: 1 कप तरबूज + टेंडर नारियल 
लंच: 1 कटोरी दाल के साथ आधा कटोरी ब्राउन या रेड राइस, खीरा,गाजर और टमाटर का सलाद एवं छाछ 
लंच के बाद स्नैक: 1 कप ग्रीन टी + 1 मल्टीग्रेन ब्रेड ।
शाम के समाय धीमी गति से टहलना अत्यन्त लाभदायी होगा।
डिनर: 2 मल्टीग्रेन पतली रोटियां + सलाद + एक कप लो फैट दही 
लाभ: अलसी जिन्हें फ्लैक्स सीड भी कहा जाता है, वो फैट कम करने में सबसे अधिक सहायक होते हैं और शरीर की सूजन भी कम करते हैं। साथ ही तरबूज आपकी भूख को शांत करता है और शरीर को ऊर्जा देता है। छाछ में फैट कम और ऊर्जा ज्यादा होती है। इसलिए इन सभी का सेवन करने से कमजोरी नहीं होती है और फैट भी कम होता है।
डिनर का समय कभी भी 9 बजे के बाद का नही होना चाहिये। डिनर के बाद टहलना अच्छा होगा पर ध्यन रहे कि टहलने की गति धीमी हो़।टहलने के बाद  skimmed milk गुड़ के साथ ले सकते हैं।10 बजे तक सो जाना चाहिये। 
2 दिन - प्रातः नीद से उठने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी मे थोडा सा नीबू व शहद मिलाकर पिएं। बेड टी के स्थान पर ब्लैक टी/ब्लैक काफी/ग्रीन टी पी सकते हैं।
- तेजी से कम से कम आधा घन्टा टहलना है। टहलने के समय ध्यान शरीर पर होना चाहिये, किसी से बात न करें और फोन का प्रयोग बात करने के लिये न करें।
सुबह: 1 गिलास गाजर + संतरा + अदरक का जूस 
 ब्रेकफास्ट: सांबर के साथ कम तेल में बने हुए दो उत्तपम जिसमें सब्जी हो। 
मिड-मॉर्निंग: फ्रुट प्लेटर + लाइम और हनी जूस 
लंच: 1 कटोरी रेड या ब्राउन राइस + एक कटोरी मिक्स सब्जी + दही 
लंच के बाद स्नैक: दो कप नारियल पानी 
डिनर: सब्जी वाला पुलाव + रायता + सलाद (अगर आप चाहें) 
लाभ: संतरा, विटामिन सी का सबसे अच्छा स्त्रोत होता है। वहीं लाइम यानि नींबू और शहद वसा को कम करने के लिए बहुत लाभप्रद माने जाते हैं। इन्हें गर्म पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है। ब्राउन राइस की सीमित मात्रा खाने से फैट कंट्रोल में रहता है। नारियल पानी पीने से बॉडी को एनर्जी मिलती है और भूख भी शांत हो जाती है। 
डिनर का समय कभी भी 9 बजे के बाद का नही होना चाहिये। डिनर के बाद टहलना अच्छा होगा पर ध्यन रहे कि टहलने की गति धीमी हो़।टहलने के बाद  skimmed milk गुड़ के साथ ले सकते हैं। 10 बजे तक सो जाना चाहिये।
3 दिन -प्रातः नीद से उठने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी मे थोडा सा नीबू व शहद मिलाकर पिएं। बेड टी के स्थान पर ब्लैक टी/ब्लैक काफी/ग्रीन टी पी सकते हैं।
- तेजी से कम से कम आधा घन्टा टहलना है। टहलने के समय ध्यान शरीर पर होना चाहिये, किसी से बात न करें और फोन का प्रयोग बात करने के लिये न करें।
सुबह: अपनी पसंद का एक फल + एक कप करेले का जूस 
ब्रेकफास्ट : स्ट्राबेरी, बादाम, खजूर और सेब के साथ एक कप मल्टीग्रेन फ्लैक्स + 1 कप ग्रीन टी 
मिड-मॉर्निंग: 1 कप चाय + 2 मल्टी ग्रेन बिस्कट 
लंच: गेंहू की एक पतली रोटी + उबली हुई चाट (राजमा, चना, हरी मूंग आदि) + छाछ
लंच के बाद स्नैक: 10 रोस्टेड पिस्ता + 1 कप फ्रेश संतरे का जूस 
डिनर: एक कटोरा फल + सलाद + दो पतली रोटी + एक कप पालक 
लाभ: करेला, शरीर के टॉक्सिन को दूर कर देता है और रक्त को साफ करता है। इसे खाली पेट पीने से बहुत अधिक लाभ होता है। उबली हुई बीन्स को खाने से शरीर में प्रोटीन और कार्ब्स की मात्रा पहुँचती है।
डिनर का समय कभी भी 9 बजे के बाद का नही होना चाहिये। डिनर के बाद टहलना अच्छा होगा पर ध्यन रहे कि टहलने की गति धीमी हो़।टहलने के बाद  skimmed milk गुड़ के साथ ले सकते हैं। 10 बजे तक सो जाना चाहिये।
4 दिन - प्रातः नीद से उठने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी मे थोडा सा नीबू व शहद मिलाकर पिएं। बेड टी के स्थान पर ब्लैक टी/ब्लैक काफी/ग्रीन टी पी सकते हैं।
- तेजी से कम से कम आधा घन्टा टहलना है। टहलने के समय ध्यान शरीर पर होना चाहिये, किसी से बात न करें और फोन का प्रयोग बात करने के लिये न करें।
सुबह: रात में भिगोई दो चम्मच मेंथी के दाने को खाएं। 
ब्रेकफास्ट : पनीर सैंडवीच और ताजा संतरे का जूस 
मिड-मॉर्निंग: एक कप पाइनएप्पपल, एक चुटकी नींबू का रस और हिमालय नमक
लंच: उबली बीन्सी + बेबी पालक + गाजर + खीरा + चुकंदर और कम फैट वाला योगर्ट 
लंच के बाद स्नैक: एक कप उबला स्प्राजट भेल + नारियल पानी 
डिनर: एक कटोरा उबला दलिया या उपमा + एक कटोरी सांबर + एक कटोरा सलाद
लाभ: मेंथी के दाने का सेवन करने से शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है। अनानास को खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और वसा कम होता है। इसके सेवन से पेट का मोटापा यानि बैली फैट घट जाता है। स्प्राउट, पाचन को अच्छा बनाता है और नारियल पानी शरीर को स्फुर्ति और ताजगी प्रदान करता है।
डिनर का समय कभी भी 9 बजे के बाद का नही होना चाहिये। डिनर के बाद टहलना अच्छा होगा पर ध्यन रहे कि टहलने की गति धीमी हो़।टहलने के बाद  skimmed milk गुड़ के साथ ले सकते हैं। 10 बजे तक सो जाना चाहिये।
5 दिन - प्रातः नीद से उठने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी मे थोडा सा नीबू व शहद मिलाकर पिएं। बेड टी के स्थान पर ब्लैक टी/ब्लैक काफी/ग्रीन टी पी सकते हैं।
- तेजी से कम से कम आधा घन्टा टहलना है। टहलने के समय ध्यान शरीर पर होना चाहिये, किसी से बात न करें और फोन का प्रयोग बात करने के लिये न करें।
सुबह: चुकंदर + सेब + गाजर का जूस 
ब्रेकफास्ट : मल्टीग्रेन ब्रेड की दो स्लाइस + सॉल्ट फ्री बटर + ग्रीन जूस (खीरा, ग्रीन एप्प ल और नींबू की स्कीन के साथ)
मिड-मॉर्निंग: 1 कप ग्रीन टी + एप्पल 
लंच: पालक ब्राउन राइस + कद्दू + बंगाल ग्राम करी + 1 कप बटरमिल्क
लंच के बाद स्नैक: 1 कप खरबूजा + सेब 
डिनर: 2 गेंहू की पतली रोटी + पनीर भुर्जी + सलाद + दही 
लाभ: चुकंदर का जूस, शरीर में रक्त की मात्रा को बढ़ाता है। ये पाचन में अत्यधिक सहायक होता है और कार्बोहाईड्रेट की मात्रा को भी संतुलित रखता है। ग्रीन जूस में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं। ये पेट को ठंडक प्रदान करता है। सेब भूख को शांत करता है।
डिनर का समय कभी भी 9 बजे के बाद का नही होना चाहिये। डिनर के बाद टहलना अच्छा होगा पर ध्यन रहे कि टहलने की गति धीमी हो़।टहलने के बाद  skimmed milk गुड़ के साथ ले सकते हैं। 10 बजे तक सो जाना चाहिये।
6 दिन - प्रातः नीद से उठने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी मे थोडा सा नीबू व शहद मिलाकर पिएं। बेड टी के स्थान पर ब्लैक टी/ब्लैक काफी/ग्रीन टी पी सकते हैं।
- तेजी से कम से कम आधा घन्टा टहलना है। टहलने के समय ध्यान शरीर पर होना चाहिये, किसी से बात न करें और फोन का प्रयोग बात करने के लिये न करें।
 सुबह: 1 कप नींबू और तरबूज का रस (1 नींबू, 1 कप तरबूज और 1 बड़ा चम्मच पुदीने की पत्तियां) 
ब्रेकफास्ट : 2 उबली हुई इडली व चटनी और सांभर + अंगूर जूस (4 अंगूर + 1 नींबू + 2 मुसम्बीक + चार टुकड़े अनानस + थोड़ी अदरक) 
मिड-मॉर्निंग: 3-4 सूखी मेवा + टेंडर कोकोनट 
लंच: ताजा दही के साथ लेमन चिली राइस वेज बिरयानी ।
लंच के बाद स्नैक: आपकी पसंद का 1 फल और ग्रीन टी या नारियल का पानी
डिनर: 2 मल्टीग्रेन रोटियां, ताजा दही, सलाद, एक हरी सब्जी की करी
लाभ: नींबू और तरबूज के जूस को पीने से फैट कम होता है। वहीं पुदीना शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इडली को सबसे अच्छा ब्रेकफास्ट माना जाता है। अंगूर का जूस, शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और फैट कटर होता है। गाजर, आयरन और विटामिन का अच्छा स्त्रोत होता है जो आंखों की दृष्टि को मजबूत और वजन घटाने में सहायक होता है। 
डिनर का समय कभी भी 9 बजे के बाद का नही होना चाहिये। डिनर के बाद टहलना अच्छा होगा पर ध्यन रहे कि टहलने की गति धीमी हो़।टहलने के बाद  skimmed milk गुड़ के साथ ले सकते हैं। 10 बजे तक सो जाना चाहिये।
7 दिन - प्रातः नीद से उठने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी मे थोडा सा नीबू व शहद मिलाकर पिएं। बेड टी के स्थान पर ब्लैक टी/ब्लैक काफी/ग्रीन टी पी सकते हैं।
- तेजी से कम से कम आधा घन्टा टहलना है। टहलने के समय ध्यान शरीर पर होना चाहिये, किसी से बात न करें और फोन का प्रयोग बात करने के लिये न करें।
सुबह: एक कप पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका 
ब्रेकफास्ट : 2 लो सुगर वाले ताजे पेनकेक + टमाटर व ककड़ी का रस (3 कप कटा हुआ टमाटर, 2 कप ककड़ी, 1 चुटकी अजवाइन, ½ छोटी चम्मच काली मिर्च पाउडर, ½ छोटी चम्मच समुद्री नमक और लाल मिर्च)
मिड-मॉर्निंग: 1 केला + ½ कप अंगूर
लंच: मिश्रित सब्जियों के साथ चावल मैकरोनी + पालक और सेब का रस (3 सेब, मोटे तौर पर कटा हुआ पालक 2 कप, ½ नींबू, ½ कप रेड लेट्टस पत्ते, एक चुटकी काली मिर्च, थोडा नमक) लंच के बाद स्नैक: आपकी पसंद का 1 फल और ग्रीन टी या नारियल का पानी 
डिनर: ब्राउन राइस + चना करी + फ्रेंच सेम सब्जी + दही
 लाभ: सेब का सिरका, वजन घटाने में सहायता करता है। पैनकेक को खाने से पेट भर जाता है और ताकत मिलती है, आप इसे चीट मील भी कह सकते हैं। काली मिर्च के सेवन से बेली फैट घटता है। फ्रैंच बीन्स प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती है। आपको इस डाइट को आप अपने अनुसार परिवर्तित कर सकते हैं । ध्यान रखना है कि ऐसी चीजें  शामिल न करें जो ज्यादा सुगर व फेैटयुक्त हो।

उपसंहार -

          जैसा कि विदित है कि उक्त आलेख प्रयोग पर आधारित है इस लिए इसकी प्रमाणिकता अधिक बढ़ जाती है। लेखक को आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यदि आपके द्वारा दिए गए नियमो का पालन किया जाता है तो निश्चित रूप से आप शारीरिक व मानसिक रूप से  स्वास्थ्य व तंदुरस्त रहेंगे और फिर वही वाली कहावत चरितार्थ होगी की " हम बदलेंगे युग बदलेगा हम सुधरेंगे युग सुधरेगा" आपकी प्रतिक्रियाएं व सुझाव आमंत्रित है। आपके उज्ज्वल स्वास्थ्य की कामना के साथ जय हिन्द। @@@
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

 



Law of adverse possession

Book Review

  Book Review By- Vijay Kumar Katiyar Addl. District & Sessions Judge Basti Uttar Pradesh, India Title of the book              ...